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Monday, November 7, 2011

EK WOH DIN BHI THE...

कुछ लोग पीछे छूट जाते हैं
यादें वोह अपनी छोड़ जाते हैं
उन्ही यादों के बारे में सोचो
तो कुछ पुराने किस्से याद आ जाते हैं
उन पुराने किस्सों की थी अपनी कहानी
जो हमने लिखी थी अपनी ज़ुबानी
उन दिनों की बात कुछ और थी
जब ज़िन्दगी न सिर्फ एक दौड़ थी|


अपने से लोग, अपने से चेहरे
वोह सीधे से सुलझे से सपने
जब किसी मुखोटे  पर न शक था
जब एक हसीं और आंसूं के बीच
सिर्फ एक मिनट का फरक था | 


माना यह सब पुरानी बातें हैं
मगर कभी कभी ये याद आ जाती हैं
जब तुम अपने बारे में सोचते हो
जब तुम उन लोगों के बारे में सोचते हो
जो कभी तुम्हारे साथ हर पल थे
लेकिन आज कोई इधर कोई उधर है
उन चेहरों की कहानी है तो पुरानी
मगर लगती है अकेले पल में सुहानी|


वोह अपने से लोग, अपने से चेहरे
जो अब हो गए हैं थोड़े धुंधले |





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